kisi bachche ki maut ke baad bina dah sanskar me shav ko kyon daphanaaya jaata hai

किसी बच्चे की मौत के बाद बिना दाह संस्कार किए शव को क्यों दफनाया जाता है, इसके पीछे की वजह बेहद हैरान करने वाली है । क्या आप जानते हैं कि मृत्यु के बाद शवों का दाह संस्कार क्यों किया जाता है और विशेषकर शिशुओं का दाह संस्कार न करके उन्हें जमीन में क्यों दफनाया जाता है? तो आइए जानते हैं गरुड़ पुराण में इस बारे में क्या कहा गया है…

गरुड़ पुराण के अनुसार एक बार राजा गरुड़ श्रीहरि ने यह प्रश्न पूछा था। जिसके जवाब में श्रीहरि ने कहा, जिस तरह किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके दाह संस्कार के पीछे एक बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य होता है, उसी तरह गाय और संन्यासी के शव को दफनाने का भी विशेष महत्व होता है।
जानिए समझाने गए गरुड़ से श्रीहरि ने क्या कहा…

मरने के बाद मनुष्य का शरीर क्यों जल जाता है या फिर आत्मा मनुष्य के शरीर में ही रहकर काम, माया और वासना का शिकार हो जाती है। इंसान की जिंदगी खत्म हो जाने के बाद भी उसकी आत्मा निकलना नहीं चाहती। इसीलिए मानव शरीर पूरी तरह से जलकर राख हो जाता है।

इसी प्रकार जब जन्म से लेकर 2 वर्ष तक के बच्चे की मृत्यु हो जाती है और किसी साधु की मृत्यु हो जाती है तो उसे दफनाया जाता है। क्योंकि उनमें भौतिक संसार के प्रति कोई वासना, आकर्षण, प्रेम नहीं होता और आत्मा दोबारा उस शरीर में नहीं जाना चाहती।

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