Shri Vishnu Satanam Stotram lyrics in hindi – विष्णु शतनाम स्तोत्र

Shri Vishnu Satanam Stotram lyrics in hindi pdf free download. प्रतिदिन ईमानदारी से विष्णु शतनाम स्तोत्र का पाठ करने वाले भक्तों को कई लाभ होते हैं। यह भगवान विष्णु के स्वर्गीय चरणों में समर्पण और आराधना की भावना विकसित करने की एक विधि है। समर्पण का कार्य व्यक्ति के अभिमान और अहंकार को नियंत्रित करता है। यह दैनिक जीवन में हानिकारक शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव में सहायता करता है। दैनिक आधार पर जप करने से हमें भगवान विष्णु की स्वर्गीय सुरक्षा और उपस्थिति का एहसास होता है।

नारद उवाच

ऊँ वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम्।

जनार्दनं  हरिं  कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम्।।

वाराहं  पुण्डरीकाक्षं  नृसिंहं नरकान्तकम्।

अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनन्तमजमव्ययम्।।

नारायणं गदाध्यक्षं गोविन्दं कीर्तिभाजनम्।

गोवर्द्धनोद्धरं     देवं     भूधरं    भुवनेश्वरम्।।

वेत्तारं    यज्ञपुरुषं    यज्ञेशं   यज्ञवाहकम्।

चक्रपाणिं गदापाणिं शंख्हपाणिं नरोत्तमम्।।

वैकुण्ठं   दुष्टदमनं   भूगर्भं   पीतवाससम्।

त्रिविक्रमं त्रिकालज्ञं त्रिमूर्ति नन्दिकेश्वरम्।।

रामं  रामं  हयग्रीवं  भीमं  रौद्रं  भवोद्भवम्।

श्रीपतिं  श्रीधरं  श्रीशं  मंगलं मंगलायुधम्।।

दामोदरं    दमोपेतं   केशवं   केशिसूदनम्।

वरेण्यं  वरदं  विष्णुमानन्दं   वासुदेवजम्।।

हिरण्यरेतसं   दीप्तं  पुराणं  पुरुषोत्तमम्।

सकलं निष्कलं शुद्धं निर्गुणं गुणशाश्वतम्।।

हिरण्यतनुसंकाशं        सूर्यायुतसमप्रभम्।

मेघश्यामं   चतुर्बाहुं  कुशलं  कमलेक्षणम्।।

ज्योतिरूपमरूपं  च  स्वरूपं रूपसंस्थितम्।

सर्वज्ञं   सर्वरूपस्थं   सर्वेशं   सर्वतोमुखम्।।

ज्ञानं  कूटस्थमचलं  ज्ञानदं  परमं  प्रभुम्।

योगीशं योगनिष्णातं योगिनंयोगरूपिणम्।।

ईश्वरं  सर्वभूतानां  वन्दे  भूतमयं   प्रभुम्।

इति नामशतं दिव्यं वैष्णवं खलु पापहहम्।।

व्यासेन   कथितं   पूर्व  सर्वपापप्रणाशनम्।

य: पठेत् प्रातरुत्थाय स भवेद् वैष्णवो नर:।।

सर्वपापविशुद्धात्मा विष्णुसायुज्यमाप्नुयात्।

चान्द्रायणसहस्त्राणि  कन्यादानशतानि  च।।

गवां  लक्षसहस्त्राणि  मुक्तिभागी भनेन्नर:।

अश्वमेधायुतं पुण्यं फलं प्राप्नोति मानव:।

इति विष्णुपुराणे विष्णुशतनामस्तोत्रम सम्पूर्णम् ।

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