ब्राह्मण के हाथ में भगवान की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं क्योंकि
- उनके दाहिने हाथ में पवित्र तीर्थ नदियाँ स्थित हैं जैसे उंगली में गंगा, जमुना, गोदावरी, सिंधु, गोमती तीर्थ ।
- मध्य हाथ में छह समुद्र , ब्राह्मण के दाहिने हाथ में पैर रखकर तीर्थयात्रा करें, इसलिए यदि आप ब्राह्मण के हाथों से आशीर्वाद लेंगे तो आपके पाप नष्ट हो जाएंगे। मुझे साथ ले चलो ।
- ब्राह्मण प्राचीन काल से ही जप तप, पूजा-पाठ, आराधना उपासना में संलग्न है।
- धर्मशास्त्र, कर्मकाण्ड आदि के ज्ञाता होने के साथ-साथ इनमें उदारता, सात्विकता तथा त्याग की भावना होती है जिस कारण ये ईश्वरतत्व के सर्वाधिक निकट रहते हैं तथा परम्परागत पूजा पाठ करने की मान्यता भी इन्हें प्राप्त है।