आठवें वैकुंठ के नीचे चौदह भुवन विद्यमान हैं। चौदह लोकों में सातवाँ लोक नश्वर है और सातवाँ लोक भूम्फ, भुव, स्व, मह, जन, तप और सत्य है तथा सातवाँ लोक अतल, स्वतल, वितल, तलातल, महितल, रसातल और पापस है। तो आठ बैकुंठ और चौदह भुवन (सात नश्वर और सात पाताल) का योग बाईस होता है, जिसे बाईस चरणों के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है।
3 loka -तीन लोक
- पाताल लोक ( अधोलोक ): इस लोक में राजा बलि अमर है | यह वरदान उन्हें विष्णु ने दिया था | विष्णु पुराण के अनुसार सात प्रकार के पाताल लोक होते हैं। यहा दैत्य, दानव, यक्ष और बड़े बड़े नागों की जातियां वास करतीं हैं।
- भूलोक ( मध्यलोक ): यह पृथ्वी है जिसमे मनुष्य जीव जन्तु निवास करते है |
- स्वर्गलोक(उच्चलोक) : यहा देवताओ के राजा इंद्र , सूर्य देवता , पवनदेव , चन्द्र देवता , अग्नि देव , जल के देवता वरुण , देवताओ के गुरु बृहस्पति, अप्सराये आदि निवास करती है | हिन्दू देवी-देवताओं का वास है |
14 bhuvan-14 चौदय भवन के नाम
इन लोको को भी 14 लोको में बांटा गया है। इन 14 लोकों को भवन भी पुकारा जाता है-
- सत्लोक
- तपोलोक
- जनलोक
- महलोक
- ध्रुवलोक
- सिद्धलोक
- पृथ्वीलोक
- अतललोक
- वितललोक
- सुतललोक
- तलातललोक
- महातललोक
- रसातललोक
- पाताललोक